एसएनसीयू की सेवाओं में गुणात्मक सुधार के कारण शिशु मृत्यु का आंकड़ा न्यूनतम स्तर पर
रतलाम। रतलाम जिले के शिशु रोग गहन चिकित्सा इकाई में चिकित्सा सेवाओं में गत वर्ष की तुलना में लगातार गुणात्मक सुधार परिलक्षित हुआ है जिसके कारण चिकित्सा अधिकारियों को नवजात शिशुओं की जान बचाने में उल्लेखनीय सफलता प्राप्त हुई है । सिविल सर्जन डॉ एम एस सागर ने बताया कि उनके द्वारा जुलाई माह में एसेंशियल के समस्त चिकित्सक और स्टाफ के साथ बैठक की गई बैठक के दौरान शिशुओं को प्रदान की जा रही सेवाओं और उसके संबंध में आ रही दिक्कतों का लगातार विश्लेषण किया गया और सुधारात्मक कार्रवाई की गई । उनके द्वारा एसएनसीयू में बतौर चिकित्सा सेवाओं में सुधार के लिए डॉक्टर अखंड प्रताप सिंह शिशु रोग विशेषज्ञ को नामांकित किया गया था। इसके स्वयं सिविल सर्जन ने लगातार चिकित्सा सेवाओं का मूल्यांकन किया तथा औचक निरीक्षण किया।
एस एन सी यू में उपलब्ध सी पेप तथा अन्य उपकरणों में लगातार सुधार कराया गया, वहां उपस्थित माताओ जन्म के समय तुरंत स्तनपान, 6 माह तक केवल स्तनपान, 6 माह बाद पूरक पोषण आहार तथा शिशु जन्म के 2 वर्ष तक स्तनपान जारी रखने संबंधी) को स्तनपान संबंधी परामर्श के साथ-साथ कंगारू केयर मदर केअर संबंधी परामर्श भी प्रदान किया गया। जिसकी बदौलत विगत वर्ष 2022 दिसंबर माह में एस एन सी यू में होने वाली नवजात शिशु मृत्यु का आंकड़ा 17 प्रतिशत, जनवरी में 19 प्रतिशत, फरवरी में 16 प्रतिशत, मार्च में 16 प्रतिशत, अप्रैल में 17 प्रतिशत, मई में 17 प्रतिशत, जून में 18 प्रतिशत, जुलाई में 16 प्रतिशत, अगस्त में 12 प्रतिशत, सितंबर में 11 प्रतिशत, अक्टूबर में 11 प्रतिशत, नवंबर में 11 तथा दिसंबर में अपने न्यूनतम स्तर 6.2 प्रतिशत पर पहुंच गया ।
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