सिविल सर्जन ने समाचार खंडन जारी करते हुए जिला चिकित्सालय में संपन्न कार्यों की जानकारी दी

रतलाम. विगत दिनों दैनिक भास्कर समाचार पत्र में प्रकाशित समाचार का खंडन करते हुए सिविल सर्जन मुख्य अस्पताल अधीक्षक डॉक्टर एमएस सागर द्वारा जिला चिकित्सालय में किए गए कार्यों की विस्तृत जानकारी दी है। प्रकाशित समाचार के अनुसार ब्लड बैंक की वेन का संचालित नहीं होना बताया गया है जबकि वास्तविक स्थिति के अनुसार जिला चिकित्सालय रतलाम की ब्लड बैंक की वेन के माध्यम से स्वास्थ्य शिविरों से रक्तदाताओं का रक्त प्राप्त कर संग्रहित किया जा रहा है, इस प्रकार ब्लड बैंक की वेन खराब नहीं है।  विगत दिनों 8 अक्टूबर से 7 दिसंबर के बीच लगभग सात स्थानों पर निशुल्क रक्तदान शिविरों का आयोजन किया गया। इन शिविरों में प्राप्त होने वाला रक्त ब्लड बैंक की वैन के माध्यम से ही संग्रहित किया गया तथा ब्लड बैंक की वैन द्वारा व्यवस्थित सेवाएं प्रदान की जा रही है।

सिविल सर्जन ने बताया है कि निम्न अनुसार कैम्प संपन्न किए गए है जिनमें-ं 8 अक्टूबर को दो कैम्प, 13 अक्टूबर को एक कैम्प, 31 अक्टूबर को दो कैंप, 4 दिसंबर को एक कैंप, 7 दिसंबर को एक कैंप किया गया है इसके पूर्व में भी कई कैंप में बीसीटीवी वेन भेजी गई है। जिला चिकित्सालय में ऑनलाइन एमएलसी पिछले माह से शुरू हो चुकी है और आज दिनांक तक एमएलसी के 256 ऑनलाइन कैस पोर्टल पर दर्ज हैं।पिछले तीन से चार महीनों में जिला चिकित्सालय में अत्यधिक सुधारात्मक कार्य हुए हैं इनमें जिला चिकित्सालय में ट्रामा सेंटर में मरीजों के लिए पिछले 5 वर्षों से बंद पड़ी लिफ्ट को सुचारू रूप से दानदाताओं से चालू करवाया गया है। सर्जिकल ओटी की लाइट काफी लंबे समय से बंद थी जिसे नई लगाई गई। आयुष्मान योजना अंतर्गत जटिल ऑपरेशन में पिछले वर्ष की तुलना में काफी वृद्धि हुई है। जनरल ओपीडी कक्ष में लगे पार्टीशन को हटाया गया है जिससे मरीजों के स्वास्थ्य परीक्षण करने में आ रही परेशानी को दूर किया गया। बाल चिकित्सालय रतलाम की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए सीसीटीवी कैमरे लगवाए गए हैं। जिला चिकित्सालय परिसर में लगे पेड़ों की छटनी करवाई गई, साथ ही जो पेड़ पुराने हो चुके थे उनको नियमानुसार हटवाया गया। जिला चिकित्सालय में आ रहे मरीजों के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए निरंतर निरीक्षण कर बेहतर साफ सफाई होना सुनिश्चित किया गया। वार्ड एवं विभाग जो की जर्जर हो चुके हैं उन्हें रिपेयर कर उपयोग में लिया जा रहा है। जिला चिकित्सालय में पूर्व में आ रही दवाईयों की समस्या को दूर कर वर्तमान में बल्क में दवाईयों की उपलब्धता सुनिश्चित की गई। वर्षों से अस्पताल में कुछ टॉयलेट बंद पड़े थे उन्हें रिपेयर करवाया गया तथा नगर निगम के सहयोग से चैंबर खाली करवा कर उपयोग में लिया जा रहा है।

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