पांच वर्षीय बच्चे के अपहरण एवं हत्या के आरोपी चढ़े पुलिस के हत्थे
प्रकरण में धारा 302, 201 के साथ 377 भादवि एवं 5 आईएम / 6पाक्सो एक्ट का इजाफा कर विवेचना में लिया गया।
रतलाम। पांच वर्षीय बालक का अपहरण कर उसके साथ कुकर्म करने के बाद हत्या करने के मामले में उसके ही पड़ोसी 19 वर्षीय सोहेल अंसारी तथा उसका सहयोग करने वाली उसकी 25 वर्षीय बहन कश्मीरा को पुलिस ने गिरफ्तार कर शनिवार को मामले का खुलासा कर दिया है। डीआईजी गौरव राजपूत तथा एसपी गौरव तिवारी ने शनिवार को कंट्रोल रूम में हुई प्रेस वार्ता में पत्रकारों को बताया कि गत 13 अप्रैल की शाम पांच वर्षीय फेजान पुत्र जफर हुसैन निवासी हाट की चौकी का उस समय अपहरण हो गया, जब वह अपने घर के सामने ही खेल रहा था। जब बालक नहीं मिला तो माणकचौक थाने में दर्ज प्रकरण के आधार पर उसकी खोजबीन शुरू हुई। फेजान की बस स्टेण्ड, रेलवे स्टेशन सहित अन्य संदिग्ध जगहों पर सर्चिंग हुई। जब नहीं मिला तो सोशल मीडिया के जरिये बालक के फोटो का अधिक से अधिक शेयर किया गया तथा पता बताने वाले को 10 हजार रुपये का इनाम भी घोषित किया गया।
अधिकारीयो ने बताया कि घटना की गंभीरता को देखते हुए पुलिस महानिरीक्षक राकेश गुप्ता के निर्देश पर अलग-अलग टीमों का गठन किया गया और योजनाबद्ध तरीके से सर्चिंग की गई। लगभग 200 मकानों के घरों की सर्चिंग की गई। पानी की टंकी, सिवर लाईन , सेफ्टीटेंक आदि में भी तलाशी की गई और 100 से अधिक लोगों से सघन पूछताछ की गई। एक हजार से अधिक चार पहिया वाहन चालकों से पूछताछ की गई और टोलनाकों पर भी जानकारी एकत्रित की गई। सीटीटीवी कैमरे खंगाले गए। स्कूल के दोस्तों, परिवार के बच्चों से जानकारी ली गई। लगभग पांच लाख से अधिक मोबाइल नंबरों की सर्चिंग की गई। इस मामले में 100 से अधिक पुलिस अधिकारी, कर्मचारी लगाए गए।
शव बरामद होने पर पुलिस हरकत में आई
उसके बाद 23 अप्रैल को सोहेल उर्फ मोनु पिता अल्ताफ के घर के पीछे नाले के पास एक अज्ञात बालक का शव बोरी में सर्चिंग के दौरान पुलिस को मिला, जिसकी शिनाख्ती फैजान पिता जफर के रूप में की गई। इस जघन्य हत्याकांड की गंभीरता को देखते हुए डीआईजी गुप्ता ने 30 हजार के इनाम की घोषणा कीगई। अपह्त बालक के शव मिलने के बाद उसका डीएनए टेस्ट कराया गया। बालक के मुंह, नाक में सेलो टेप चिपके होने से आक्सीजन की कमी से उसकी मृत्यु होना बताया गया था, साथ ही अप्राकृतिक कृत्य की संभावना भी बताई गई, जिसकी पुष्टि के लिए सेंपल सुरक्षित कर प्रकरण में धारा 302 का इजाफा किया गया।
अधिकारियों ने बताया कि घटना स्थल से लाश को छुपाने हेतु प्रयुक्त जुट के बोरो पर सिलाई में प्रयुक्त किए जाने वाले रंगीन धागों के टूकड़े मिलने से पुलिस को शंका हुई कि या तो बोरे किसी टेलर के यहां से चोरी कर घटना में प्रयुक्त किए गए या आरोपित के घर सिलाई का कार्य किया जाता है। इसी आधार पर पुलिस ने पड़ताल आगे बड़ाई तथा कई दुकानों पर पूछताछ की गई। डाक्टरों के पेनल द्वारा की गई पोस्टमार्टम की विडियोग्राफी करवाई गई तथा डीएनए परीक्षण हेतु सागर लेब भेजा गया। डाक्टरों के अनुसार बालक की मृत्यु 10 दिन पूर्व होना बताया। पुलिस को पड़ताल के दौरान सबसे अधिक शंका फरियादी के पड़ोसी सोहेल पर हुई। जब उससे कड़ाई से पूछताछ की गई तो वह लगातार गुमराह करता रहा। उसने बालक के परिजनों को भी गुमराह किया और लगातार उनके साथ रहकर सहानुभूति भी प्राप्त की तथा बच्चे को उनके साथ तलाशता रहा।
जांच में सोहेल पर ही पुलिस को शक गया और उससे कड़ी पूछताछ की गई तो उसने अपराध कबूल लिया और बताया कि 13 अप्रैल को शाम को 5 बजे वह जब घर आया तो अश्लील विडियो देखकर वह उत्तेजित हो गया था और उसने बालक फेजान को आवाज देकर अपने घर बुला लिया और घर में पहले से रखे सेलो टेप से उसका मुंह, नाक, कान चिपका दिया, ताकि वह चिल्ला न सके। बाद में दम घुटने से उसकी मृत्यु हो गई। कुष्कर्म करने के बाद उसने मृतक के शव को वाशिंग मशीन में छुपा दिया।
15 अप्रैल को जब पुलिस उससे पूछताछ करने थाने ले गई तो उसकी बड़ी बहन कश्मीरा घर आई तो उसने घर की वाशिंग मशीन में बच्चे के शव को देखा तो यह बात उसने पुलिस को नहीं बताई। 16 अप्रैल को अपने भाई को माणकचौक थाने से लेकर सीधे खंडवा चली गई। खंडवा से शादी से आने के बाद बच्चे की लाश को घर के पीछे नाले में फेंक दिया। बाद में जांच में आए तथ्यों के आधार पर सोहेल तथा उसकी बहन कश्मीरा को गिरफ्तार कर लिया और प्रकरण में धारा 302, 201 के साथ 377 भादवि एवं 5 आईएम / 6पाक्सो एक्ट का इजाफा कर विवेचना में लिया गया। पत्रकार वार्ता में दोनों आरोपितों के पेश किया गया।